Best Story of Failure : हार का महत्व पर पढ़िये बेहतरीन कहानी 2023

By | 31/03/2022

Best Story of Failure – नमस्कार दोस्तों, आज मैं आपको एक ऐसी कहानी बताने वाला हूँ। जो एक 15साल की लड़की की कहानी है। जिसका नाम रोजी था। वह 9 वी क्लास में पढ़ती है।

एक दिन रोजी अपने स्कूल से जब घर आई तो उसने आते ही अपनी मम्मी से कहा , मम्मी आज मैं बहुत अच्छा फुटबॉल खेली। आज मैंने सात गोल किए। उसकी मम्मी यह सुनते ही बहुत खुश हुई और उन्हें अपनी बेटी पर बहुत गर्व हुआ, उन्होंने कहा बहुत अच्छा बेटी ऐसे ही खेलती रहो। दूसरे दिन फिर रोजी स्कूल गई और जब घर वापस लौटी तो अपनी मां से बोली मम्मी आज मैंने कुल मिलाकर 10 गोल किए आज मैं बहुत ही अच्छी फुटबॉल खेली उसकी मम्मी ने कहा वाह बेटी क्या बात है बहुत अच्छा, ऐसे ही अच्छी फुटबॉल खेलती रहो। – Best Story of Failure.

लेकिन एक दिन, जब रोजी स्कूल से वापस लौटी तो अपनी मां से बोली मम्मी आज मैं बहुत गुस्से में हूं, आज मैं इतना अच्छा फुटबॉल खेली फिर भी मेरे कोच ने मुझे स्कूल की फुटबॉल टीम में शामिल नहीं किया। मुझे बहुत बुरा लगा, उसकी मम्मी ने कहा बेटा ऐसे कैसे हो सकता है जब तुम hindiiअच्छा खेलीं और तुम्हारे कोच ने तुम्हें स्कूल टीम में शामिल नहीं किया। -Best Story of Failure.

उसने कहा मम्मी ऐसा ही हुआ मेरे कोच ने पता नहीं मुझे क्यों शामिल नहीं किया। उसकी मम्मी ने कहा रुको, मैं कल तुम्हारे स्कूल चलकर तुम्हारे खोज से बात करती हूं।

दूसरे दिन जब रोजी की मम्मी स्कूल के फुटबॉल कोच से मिली, तो उन्होंने पूछा सर मेरी बेटी इतना अच्छा फुटबॉल खेलती है फिर भी आपने उसे स्कूल की फुटबॉल टीम में शामिल क्यों नहीं किया, तो कोच ने कहा सुनिए आपकी बेटी हारने से बहुत डरती है वह हार ना जाए इसलिए अपने से आधी उम्र के बच्चों के साथ फुटबॉल खेलती है और उनके साथ बहुत सारे गोल कर पाती है और समझती है कि मैं अच्छी फुटबॉलर हूं लेकिन असल में ऐसा नहीं है,आपकी बेटी हमेशा जीतना चाहती है लेकिन यह संभव नहीं है।

किसी ना किसी दिन तो उसे हार का सामना करना ही पड़ेगा, वह हमेशा safe zone मै रहकर खेलती है और हमेशा जीत जाती है। ऐसा नहीं है कि आपकी बेटी को फुटबॉल खेलना नहीं आता या अच्छे से खेलना नहीं आता। वह खेलती है, अच्छे से खेलती है शायद वह हमारे स्कूल की बेस्ट प्लेयर भी ह़ो। -Best Story of Failure.

लेकिन वह हारने से डरती है इसलिए उसे स्कूल की फुटबॉल टीम में जगह ना देकर, मैंने उसे उकसाने की कोशिश की है कि वह सेफ जोन छोड़कर Hard zone मैं आकर फुटबॉल खेले। अगर वह आगे भी ऐसे ही खेलती रहीं, तो कुछ नहीं सीख पाएगी इसलिए मेरा ऐसा करना जरूरी था।

रोजी की मम्मी वापस घर चली गई और और जैसे ही घर पहुंची तो रोजी ने अपनी मम्मी से कहा इस बार तो कोच ने मुझे टीम में नहीं लिया लेकिन अगली बार में इतनी मेहनत करूंगी, कि कोच को मुझे फुटबॉल टीम में लेना ही पड़ेगा।

अब मैं बच्चों के साथ नहीं मेरी उम्र के प्लेयर्स के साथ खेलूंगी। उसकी मम्मी ने कहा अच्छा बेटा अगली बार पूरी मेहनत लगाना और स्कूल की फुटबॉल टीम में जगह बनाना लेकिन अभी गुस्सा छोड़ दो। -Best Story of Failure.

दोस्तों, हम में से भी कई लोग हैं। जो हारने से डरते हैं हमेशा यही चाहते हैं कि मैं जीतता ही रहूं, लेकिन ऐसा संभव नहीं अगर हम हारेंगे नहीं तो हमें जीत का महत्व पता नहीं चलेगा। और जब तक जीत का महत्व पता ना हो तो जीत किस काम की।

इसलिए आप भी अपना सेफ जोन छोड़कर हार्ड जोन में आइए और कड़ी मेहनत कीजिए और अपने गोल को पूरा कीजिए

🙏🙏🙏धन्यवाद 🙏🙏🙏

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.